आदिल असीर देहलवी की नज़्में
अब्बू ने बतलाया
अब्बू ने बतलाया है
मेहनत से है इज़्ज़त
छोटे बड़ेस की चाहत
माँ और बाप की शफ़क़त
दुनिया-भर की दौलत
अब्बू ने बतलाया है
चालाक कव्वा
डाल पे कव्वा बैठा है
दिन-भर शोर मचाएगा
हर-दम ताक लगाएगा
जो भी चोंच में आएगा
वो लेकर उड़ जाएगा
डाल पे कव्वा बैठा है
अम्मी ने फ़रमाया
अम्मी ने फ़रमाया है
सुब्ह-सवेरे उट्ठो
नाम-ए-ख़ुदा का पढ़ लू
नाशतादान करके बचोगे
फिर मकतब को जाओ
अम्मी ने फ़रमाया है
हंसकर बोलो
टीचर ने समझाया है
सबको अपना समझा तुम
दिल ना किसी का तोड़ो तुम
प्यार से हंसकर बोलो तुम
अच्छी बातें सीखो तुम
टीचर ने समझाया है
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