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Saturday, 6 August 2016

आदिल असीर देहलवी की नज़्में

आदिल असीर देहलवी की नज़्में 

अब्बू ने बतलाया
अब्बू ने बतलाया है

मेहनत से है इज़्ज़त

छोटे बड़ेस की चाहत
माँ और बाप की शफ़क़त
दुनिया-भर की दौलत
          अब्बू ने बतलाया है

चालाक कव्वा
डाल पे कव्वा बैठा है

दिन-भर शोर मचाएगा

हर-दम ताक लगाएगा
जो भी चोंच में आएगा
वो लेकर उड़ जाएगा
        डाल पे कव्वा बैठा है

अम्मी ने फ़रमाया

अम्मी ने फ़रमाया है

सुब्ह-सवेरे उट्ठो

नाम-ए-ख़ुदा का पढ़ लू
नाशतादान करके बचोगे
फिर मकतब को जाओ
       अम्मी ने फ़रमाया है

हंसकर बोलो

टीचर ने समझाया है

सबको अपना समझा तुम

दिल ना किसी का तोड़ो तुम
प्यार से हंसकर बोलो तुम
अच्छी बातें सीखो तुम
       टीचर ने समझाया है

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